शनिवार को शनि देव (Shani Dev) का वार होता है, शनिवार को शनि देव की पूजा करनी चाहिए, शनि देव की पूजा करने से कभी शनि साढ़े साती नहीं लगती, शनि देव की कृपा बनी रहती है|
शनि देव की पूजा कैसे करें
शनि देव (Shani Dev) पर तेल चढ़ता है, शनि देव को गुड़ और काले चने की दाल अत्यंत प्रिय है | हर शनिवार को सूर्य पूत्र शनि देव के ऊपर तेल चढ़ाए, गुड़, काले चने की दाल, फूल, लोहा आदि, इसके बाद धूप- दीप से उनकी आरती करें|
शनि देव को काला और नीला रंग प्रिय है, आप चाहे तो उस दिन काले रंग या नीला रंग का कपड़ा पहन सकते हैं|
शनि वार के दिन पीपल में जल चढ़ावे, पीपल में शनि देव का वास होता है, तेल का दीया जलाये, पुष्प, धूप दीप से पूजा करें|
- शनि देव कौन सा तेल चढ़ाया जाता है?
- शनिदेव का मंत्र (Shani dev Mantra)
पूजा करने के बाद शनिदेव की इस आरती को गाये|
- शनि देव की आरती (Shani Dev Aarti)
जय जय जय श्री शनिदेव भत्तन हितकारी |
सूर्य के पूत्र प्रभु छाया महतारी ||
श्याम अंग वक्र दृष्टि चतुर्भुजा धारी |
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ||
जय जय जय श्री शनिदेव भत्तन हितकारी |
सूर्य के पूत्र प्रभु छाया महतारी ||
क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी |
मुत्तन की माला गले शोभित बलिहारी ||
जय जय जय श्री शनिदेव भत्तन हितकारी |
सूर्य के पूत्र प्रभु छाया महतारी ||
मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी |
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ||
जय जय जय श्री शनिदेव भत्तन हितकारी |
सूर्य के पूत्र प्रभु छाया महतारी ||
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी |
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ||
जय जय जय श्री शनिदेव भत्तन हितकारी |
सूरज के पूत्र प्रभु छाया महतारी ||
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