Radhe Radhe Ratte Jao | राधे राधे रटते जाओ | कान्हा की आरती गाओ | Krishna Aarti

 

Radhe Radhe Ratte Jao | राधे राधे रटते जाओ | कान्हा की आरती गाओ | Krishna Aarti


राधे राधे रटते जाओ, कान्हा को रिझाओ

आओ रे थाल सजाओ , कान्हा की आरती गाओ


मुरलीधर के पद पकंज पर शीश नवाओ

मंजीरे झांझ बजाओ, कान्हा की आरती गाओ


जय गोविंद मुरली, तुझ पर सब कुछ बलिहारी

अपनी कृपा राखो, भक्तों पे हे गिरधारी


तुम्ही ममता के सागर, पिता से पालन हारी

तुम्हीं बंधु सखा तुम्ही ओ नंद किशोर


हो तपती की धूप में कान्हा

तुम्ही तरुवर की छाया

खींचा आए हर एक पंथी

तेरी ही ओर


प्रेम के दो आंसू कान्हा के चरणों में चढ़ाओ

श्रद्धा का भोग लगाओ, कान्हा की आरती गाओ


राधे राधे रटते जाओ, कान्हा को रिझाओ

आओ रे थाल सजाओ , कान्हा की आरती गाओ


जय गोविंद मुरली, तुझ पर सब कुछ बलिहारी

अपनी कृपा राखो, भक्तों पे हे गिरधारी



 कभी तू मुरली बजाए, कभी तू चक्र चढ़ाए

कठिन पथ पर, कभी रथ पे तु थामे डोर 


ओ राधे रास बिहारी, है तेरी छवि मनोहारी 

है धर मुरली है माथे पर तु पंख ये मोर 


ऐसी सुंदर मनोहर छवि को,मन में बसाओ 

मन वृंदावन बनाओ, कान्हा की आरती गा ओ


राधे राधे रटते जाओ, कान्हा को रिझाओ

आओ रे थाल सजाओ , कान्हा की आरती गाओ


जय गोविंद मुरली, तुझ पर सब कुछ बलिहारी

अपनी कृपा राखो, भक्तों पे हे गिरधारी


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