गोवर्धन पूजा पर गोवर्धन महराज की आरती जरूर गाएं |
श्री गोवर्धन महाराज, महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहौ
तो पे पान चढ़े, तो पे फूल चढ़े
और चढ़े दूध की धार, ओ धार |
तेरे कानन में कुण्ड ल सोहे
तेरे गले बैजन्ती माल, ओ माल
तेरे सात कोस की परिक्रमा
तेरे दे रहे नर और नारी, ओ नार
तेरे जतीपूरा में दूध चढ़त है
तेरी हो रही जय जय कार, ओ कार
तेरे चरणों में मानसी गंगा बहे
तेरी माया अपरमपार, ओ पार
बृज मंडल जब डूब देखा
ग्वाल बाल जब व्याकुल देखे
लिया नख पर गिरवरधार, ओ धार
वृदांवन की कुंज गली में
वो तो खेल रहौ नंदलाल, ओ लाल
चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि
तेरे चरणों पै बलिहार, ओ हार
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