दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट क्यों बनाया जाता है ?




 दीवाली के दूसरे दिन सुबह अन्नकूट की रसोई बनाए और सब तरह की रसोई मिठाई का भगवान को भोग लगाएं, ब्राह्मण को जिमाये और अन्नकूट का प्रसाद सबको बाटकर खुद भी लें |

सुबह नहा धोकर पहले गोवर्धन की पूजा करे | गोवर्धन गोबर से बनाएं गोवर्धन पर जल, मौली , रोली, चावल, फूल, दही, तेल में भिगोकर रूई, तेल का दीया जलाएं | मूंग की दाल, चीनी, चार गुड़ की सुहाली , दक्षिणा, सफेद कपड़ा चढ़ाएं और गोवर्धन के सिर पर झरना रख दें | पूजा करने के बाद वापस अपने घर में रख लें और फेरी दें | गोवर्धन का गीत गाएं, चार बधावे गाएं | पूजा का चढ़ावा मिसरानी को दें |


अन्नकूट की कथा

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